Thursday, April 10, 2014

कुछ छोटे गुब्बारे

1.
Rama hare hare lehriya,
Mundiya te na jana jogiya,
Mera dil mere pass he reh gaya,
Tum aaye aur hans ke chal diye,
Mera dil behka behka reh gaya.

2.
To see that face, i've move left, right and center;
To see that face, i've slept open eyes;
To see that face, i've thought of every place;
To see that face, i've move day, night and noon.

3.
teri juftzu main tere kafile main...
mil jau aise jaise sagar main paani...
teri har khusi gam main ...
teri saaso main mujhe ko panah de aise ki main tere he sang hu...

4. ईश्वर इस कदर आपके साथ है,
की आपके हर खयाल को,
वो बुन रहा है।

5. मैं चाहता था तो कुछ कहना,
मैं चाहता था तो बहुत कुछ कहना।
पर इतना कुछ उमड़ रहा था,
इतने शब्द, इतने ख्याल,
लहरों की तरह,
एक दूसरे से टकराते,
एक दूसरे को तोड़ते,
नई लहरे, नए विचार बना रहे थे।
की न मेरी कलम, न मेरी उंगलियां,
न मेरे होठ, समन्वय बना पाए मेरे विचारो से।
अब बिना किसी रूप के, कुछ बोल के,
या तो मैं दुनिया मैं पागल बन जाता।
या इन लहरों को अंदर रख,
अंदर से पागल हो जाता।
इस सोच में ,
ना कोई मुझे समझ पाया,
ना मैं खुद से मिल पाया।

6.एक दिन ये भी छूट जायेगा,
जो पहले था वो भी छूट गया।
इसमें भी मन अपने को बहला लेता है,
जो पहले था उसमे भी कभी बहला लेता था।
जो आयेगा उसमे भी बहला लेगा,
फिर वो भी छूट जायेगा।

7.गुब्बारे होली के भरने में देर लगाते थे, और झट से फूट जाते थे। 
पर मन में कभी न आया की इतनी मेहनत कौन करे।
अब हर चीज में मोल भाव करते है,
की इतने के लिए इतना कौन करे।
और ज़माना हमे सयाना समझता है,
वो कहां देख पाते है, हमारे अंदर मारी हुई मासूमियत।

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