न था कुछ तो ख़ुदा था,
कुछ ना होता तो खुदा होता।
डुबोया मुझको होने ने,
न मैं होता तो क्या होता।
- ग़ालिब।
शायर कहते हैं किं हमारा जो ' में हैं। जो ' Ego' हैं I
वो हीं हमारा बंधन और downfall का कारण हैं।
हम अपने बारे में अच्छा बुरा जो भी सोचते हैं।
जैसे ही तो विचार आता हैं , हम अपने लिए एक दिवार बना लेते हैं।
कुछदे ना होता तो खुदा होता।
अगर हम अपने मैं को हटा लें,
तो हम भी ईश्वर के समान, ईश्वर का ही स्वरूप हैं।
जैसे एक महान कलाकार ' Nawazuddin Siddique' ने एक मशहूर चलचित्र में कहा हैं कि,
कभी कभी लगता हैं कि अपुन हीं भगवाऩ हैं।
एक पंक्ति में कहे तो-
अगर आप भगवान बनना चाहते हैं तो अपना' मैं , अपना' Ego' खत्म करें।